आतंकवाद से मुकाबले पर ADMM-PLUS विशेषज्ञ कार्य समूह की 14वीं बैठक नई दिल्ली में संपन्न हुई।
दो दिवसीय बैठक के दौरान आतंकवाद और उग्रवाद के उभरते खतरे से निपटने के लिए एक मजबूत और व्यापक रणनीति विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए चर्चा की गई। बैठक का उद्देश्य आसियान देशों के रक्षा बलों और उसके संवाद भागीदारों के जमीनी अनुभव को साझा करना था। बैठक ने वर्तमान चक्र के लिए नियोजित गतिविधियों/अभ्यासों/बैठकों/कार्यशालाओं की नींव रखी।
इससे पहले, 2021-2024 के पिछले चक्र के दौरान सीटी पर ईडब्ल्यूजी के सह-अध्यक्ष रहे म्यांमार और रूस ने वर्तमान चक्र (2024-2027) के लिए सह-अध्यक्षता भारत और मलेशिया को सौंप दी थी। भारत वर्तमान चक्र के लिए पहली ईडब्ल्यूजी बैठक की मेजबानी कर रहा है।
उद्घाटन सत्र में रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने मुख्य भाषण दिया और उद्घाटन समारोह के दौरान भाग लेने वाले प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद एक गतिशील और उभरती चुनौती बनी हुई है, जिसके खतरे लगातार सीमाओं को पार कर रहे हैं। उन्होंने क्षेत्र में आतंकवाद का मुकाबला करने की दिशा में भारत के प्रयासों पर प्रकाश डाला, जिसमें 2022 में यूएनएससी की आतंकवाद-रोधी समिति की भारत की अध्यक्षता के दौरान दिल्ली घोषणा को अपनाना भी शामिल है।
इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव [अंतर्राष्ट्रीय सहयोग (आईसी)] अमिताभ प्रसाद, भारतीय सेना के अतिरिक्त महानिदेशक (आईसी), विदेश मंत्रालय और भारतीय सेना के आतंकवाद-रोधी प्रभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
भाग लेने वाले देशों और आसियान सचिवालय के प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों ने क्षेत्र में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने पर अपने विचार भी प्रस्तुत किए। सांस्कृतिक दौरे के हिस्से के रूप में प्रतिनिधियों ने आगरा का भी दौरा किया।
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