डॉ. जितेंद्र सिंह ने मिशन मौसम और आईएमडी की अन्य परियोजनाओं की समीक्षा की, बेहतर मौसम पूर्वानुमान के लिए जोर दिया।
भारत बेहतर मौसम पूर्वानुमान के लिए डॉपलर रडार नेटवर्क का विस्तार करेगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने आईएमडी को सोशल मीडिया के माध्यम से मौसम संबंधी चेतावनियों की सार्वजनिक पहुंच बढ़ाने का निर्देश दिया।
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने "मिशन मौसम" सहित प्रमुख मौसम संबंधी पहलों की प्रगति की समीक्षा की, मौसम पूर्वानुमान को बढ़ाने पर जोर दिया तथा पूरे भारत में डॉप्लर मौसम रडार (डीडब्ल्यूआर) प्रतिष्ठानों की स्थिति का आकलन किया। वहीं डॉ. जितेंद्र सिंह ने वास्तविक समय और प्रभाव आधारित मौसम पूर्वानुमान के महत्व को रेखांकित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि किसी भी मौसम संबंधी खतरे का पता न लगना या उसका पूर्वानुमान न लगाया जाना चाहिए। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के डॉपलर मौसम रडार नेटवर्क का विस्तार एक प्रमुख आकर्षण था। जिसमें मंत्री ने बेंगलुरु, रायपुर, अहमदाबाद, रांची, गुवाहाटी, पोर्ट ब्लेयर और अन्य स्थानों पर आगामी स्थापनाओं के लिए साइट चयन की समीक्षा की।
मंत्री को बताया गया कि 2025-26 तक 73 डॉप्लर मौसम रडार तथा 2026 तक 126 डॉप्लर मौसम रडार चालू हो जाएंगे। इस नेटवर्क का उद्देश्य चरम मौसम की घटनाओं पर नज़र रखने में भारत की क्षमता को बढ़ाना है, जिससे आपदा प्रतिक्रिया दलों और आम जनता को लाभ होगा। मंत्री ने आईएमडी को समय पर मौसम पूर्वानुमान और चेतावनियों के प्रसार के लिए सोशल मीडिया का लाभ उठाकर जनता तक पहुंच मजबूत करने का भी निर्देश दिया। नागरिकों की बेहतर सहभागिता की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने अधिकारियों को मौसम, मेघदूत और उमंग जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म और मोबाइल एप्लिकेशन का पता लगाने का निर्देश दिया, जो मौसम संबंधी अपडेट और कृषि मौसम संबंधी सलाह प्रदान करते हैं। डॉ. जितेंद्र सिंह ने मौसम निगरानी प्रणालियों के आधुनिकीकरण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई, सटीकता बढ़ाने में उपग्रह मौसम विज्ञान, संख्यात्मक मौसम पूर्वानुमान मॉडल और रडार-आधारित पूर्वानुमान की भूमिका पर प्रकाश डाला। बैठक में मौसम संबंधी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए वित्तीय आवंटन और लंबित अनुमोदन की भी समीक्षा की गई, जिससे भारत की मौसम संबंधी प्रगति में निरंतर प्रगति सुनिश्चित हुई।
चरम मौसम की घटनाएँ लगातार बढ़ती जा रही हैं, इसलिए सरकार का रडार कवरेज बढ़ाने और प्रसार तंत्र में सुधार करने पर ध्यान केंद्रित करना जीवन और आजीविका की सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम है। समीक्षा बैठक में हुई चर्चा ने मौसम निगरानी परियोजनाओं के तेजी से क्रियान्वयन के लिए मंच तैयार किया, जिससे जलवायु लचीलापन और आपदा तैयारी में भारत के नेतृत्व को मजबूती मिली।
समीक्षा बैठक में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन, आईएमडी के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र और आईएमडी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए, जिसमें मौसम पूर्वानुमान की सटीकता में सुधार और जनता तक पहुंच बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
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