बेंगलुरु में रक्षा मंत्री की उपस्थिति में भारतीय निजी उद्योग द्वारा LCA Mk1A के लिए पहला पिछला धड़ HAL को सौंपा गया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा यह समारोह रक्षा में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की प्रगति और सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
भारतीय निजी उद्योग, अल्फा टोकोल इंजीनियरिंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट Mk1A का पहला रियर फ्यूज़लेज 09 मार्च, 2025 को कर्नाटक के बेंगलुरु में एयरक्राफ्ट डिवीजन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को सौंप दिया गया। अपने संबोधन में, रक्षा मंत्री ने इसे भारत के रक्षा विनिर्माण की ऐतिहासिक यात्रा में एक मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि यह समारोह रक्षा में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की प्रगति और सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ाने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
नवीनतम प्लेटफॉर्म और प्रौद्योगिकियों के साथ सशस्त्र बलों को लगातार मजबूत करने के लिए एचएएल और निजी क्षेत्र की सराहना की। उन्होंने कहा कि एचएएल अपने एकीकृत मॉडल और रणनीतियों के माध्यम से न केवल सैनिकों की ताकत बढ़ा रहा है, बल्कि निजी क्षेत्र के साथ सहयोग करके विनिर्माण और अनुसंधान एवं विकास के नए आयाम भी खोल रहा है।
धड़ विमान का मुख्य हिस्सा होता है जिसमें पायलट, यात्री और माल होता है, जबकि पिछला धड़ टेल सेक्शन और उससे जुड़े कलपुर्जों को सहारा देता है। रक्षा मंत्री ने एचएएल को देश के रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र का धड़ बताया, जिसमें एलएंडटी, अल्फा टॉकॉल, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और वीईएम टेक्नोलॉजीज जैसी निजी कंपनियां पीछे के धड़ की भूमिका निभा रही हैं और एचएएल को सहयोग दे रही हैं। उन्होंने कहा, "इन भारतीय कलपुर्जों के साथ हमारे रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में निर्मित होने वाले विमान आने वाले समय में और अधिक ऊंचाइयों को छुएंगे।"
रक्षा मंत्री सिंह ने भारतीय वायुसेना (आईएएफ) की बढ़ती ताकत के लिए वायु योद्धाओं की बहादुरी और समर्पण के साथ-साथ भारतीय सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों द्वारा निर्मित किए जा रहे उपकरणों को श्रेय दिया। उन्होंने कहा, "हमारे साहसी वायु योद्धाओं ने अमूल्य योगदान दिया है, लेकिन स्वदेशी रूप से निर्मित किए जा रहे उपकरण उन्हें अतिरिक्त ताकत प्रदान कर रहे हैं, जिसके साथ वे हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं।" उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि एचएएल और निजी क्षेत्र हर चुनौती को पार करते रहेंगे और सशस्त्र बलों को हर तरह से मजबूत करेंगे।
एचएएल ने 83 एलसीए एमके1ए अनुबंध के लिए प्रमुख मॉड्यूल की आपूर्ति हेतु एलएंडटी, अल्फा टोकोल इंजीनियरिंग सर्विसेज, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल), वीईएम टेक्नोलॉजीज और लक्ष्मी मिशन वर्क्स (एलएमडब्ल्यू) जैसी विभिन्न भारतीय निजी कंपनियों को ऑर्डर दिए थे।
एचएएल ने पहले ही 12 एलसीए एमके1ए रियर फ्यूजलेज का निर्माण कर लिया है, जो विनिर्माण लाइन में विमान पर हैं। इस आपूर्ति के साथ, एक भारतीय निजी भागीदार द्वारा निर्मित एक प्रमुख संरचना मॉड्यूल को एलसीए एमके1ए विमान में एकीकृत किया जाएगा, जिससे एचएएल 2025-26 से भारतीय वायुसेना के लिए अतिरिक्त डिलीवरी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में सक्षम होगा।
इस अवसर पर वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी, एचएएल के सीएमडी डॉ. डीके सुनील, अल्फा टॉकोल इंजीनियरिंग सर्विसेज के सीईओ और निदेशक विंग कमांडर बरन सेन (सेवानिवृत्त), वीईएम टेक्नोलॉजीज के सीएमडी वी वेंकटराजू, लार्सन एंड टूब्रो के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरुण टी रामचंदानी, टीएएसएल के उपाध्यक्ष गणेश राघवन, एलएमडब्ल्यू-एटीसी के अध्यक्ष कृष्ण कुमार, निदेशक और वरिष्ठ अधिकारीगण तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
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