केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने आज भारतीय फार्माकोपिया आयोग (आईपीसी) द्वारा आयोजित द्वितीय नीति निर्माताओं के फोरम के उद्घाटन सत्र में मुख्य भाषण दिया। भारतीय फार्माकोपिया की मान्यता को बढ़ावा देने और भारत की प्रमुख किफायती दवाओं की पहल- प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) में सहयोग के उद्देश्य से इस फोरम का आयोजन भारतीय फार्माकोपिया आयोग (आईपीसी) द्वारा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तत्वावधान में विदेश मंत्रालय के सहयोग से किया जा रहा है। फोरम में 24 देशों के नीति निर्माताओं और दवा नियामकों का एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल भाग ले रहा है। इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव, विदेश मंत्रालय की सचिव (दक्षिण) डॉ. नीना मल्होत्रा, भारत के औषधि महानियंत्रक और आईपीसी के सचिव-सह-वैज्ञानिक निदेशक डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी भी शामिल हुए।
फोरम ने 22 देशों ( लाइबेरिया, टोगो, माली, मॉरिटानिया, सिएरा लियोन, कैमरून, रवांडा, लेसोथो, एस्वातीनी, केन्या, बोत्सवाना, इथियोपिया, कोमोरोस, सेशेल्स, मेडागास्कर, पापुआ न्यू गिनी, जिम्बाब्वे, सेंट लूसिया, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, क्यूबा, बारबाडोस और चिली) के नीति निर्माताओं और वरिष्ठ दवा नियामक अधिकारियों को एक साथ लाया है, साथ ही कैरेबियन पब्लिक हेल्थ एजेंसी (सीएआरपीएचए) के दो प्रतिनिधियों- जमैका और कनाडा ने वैश्विक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक मूल्यवान और विश्वसनीय भागीदार के रूप में भारत की स्थिति की पुष्टि की है। यह जुड़ाव अगस्त 2024 में आयोजित पहले नीति निर्माताओं के फोरम द्वारा प्रारंभ गति पर आधारित है, जिसके परिणामस्वरूप कई भागीदार देशों ने औपचारिक रूप से भारतीय फार्माकोपिया को दवाओं के मानकों की पुस्तक के रूप में मान्यता दी। यह गतिविधि भारत के विनियामक ढांचे के साथ तालमेल बिठाने में बढ़ती अंतर्राष्ट्रीय रुचि, भारतीय फार्माकोपिया की विश्वसनीयता और वैज्ञानिक दृढ़ता के साथ-साथ वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य उद्देश्यों को आगे बढ़ाने में भारत की सक्रिय भूमिका को भी दर्शाती है।
इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सलाहकार (लागत) श्री राजीव वधावन, संयुक्त औषधि नियंत्रक डॉ. रंगा चंद्रशेखर, भारतीय औषधि एवं चिकित्सा उपकरण ब्यूरो के सीईओ श्री रवि दाधीच तथा केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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