केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नागपुर में मंत्रालय की सर्वोत्तम विधियों पर आयोजित प्रथम सम्मेलन का वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। इस दो दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य विभिन्न एम्स संस्थानों द्वारा अपनाई गई अनुकरणीय विधियों को दर्शाना है, जिसमें रोगी-केंद्रित देखभाल, परिचालन दक्षता, डिजिटल परिवर्तन और अकादमिक उत्कृष्टता पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। देश भर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों (एम्स भोपाल, एम्स जम्मू, एम्स बिलासपुर, एम्स जोधपुर, एम्स नागपुर, एम्स देवघर, एम्स पटना, एम्स गोरखपुर, एम्स गुवाहाटी, एम्स रायपुर) के साथ-साथ प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) प्रभाग और रक्षा मंत्रालय ने सम्मेलन में सहयोग किया। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुश्री पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कार्यक्रम में उद्घाटन भाषण दिया।
केंद्रीय मंत्री नड्डा ने अपने संबोधन में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि "राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में स्थापित प्रत्येक एम्स उन्नत नैदानिक देखभाल, उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान उत्कृष्टता को एकीकृत करता है। क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करने के लिए रणनीतिक रूप से स्थित प्रत्येक एम्स स्वास्थ्य सेवा नवाचार और सीखने के केंद्र के रूप में कार्य करता है, जो समान, किफायती और साक्ष्य-आधारित स्वास्थ्य सेवा प्रदान करता है। ये संस्थान सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने, देखभाल के मानकों को बढ़ाने और स्वास्थ्य सेवा जुड़े विशेषज्ञों की एक नई पीढ़ी को विकसित करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।"
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