डॉ. मनसुख मंडाविया ने खेलो इंडिया शीतकालीन खेलों के समापन समारोह में भाग लिया, गुलमर्ग को शीतकालीन खेलों के लिए उत्कृष्टता केंद्र में बदलने की घोषणा की।
जम्मू एवं कश्मीर में शीतकालीन खेलों को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने बुधवार को यहां गुलमर्ग को खेल केंद्र में बदलने की सरकार की योजना की घोषणा की।
केंद्रीय खेल मंत्री ने यह बात गुलमर्ग गोल्फ क्लब में पांचवें खेलो इंडिया शीतकालीन खेलों के समापन समारोह में भाग लेते हुए कही। समापन समारोह में जम्मू-कश्मीर के माननीय मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और जम्मू-कश्मीर के युवा सेवा एवं खेल मंत्री सतीश शर्मा सहित अन्य लोग भी मौजूद थे।
डॉ. मंडाविया ने समापन समारोह में अपने संबोधन में कहा, "भारत में अपार प्रतिभाएं हैं और हमें 9 वर्ष से 24 वर्ष की आयु के बच्चों को खोजकर उनका पोषण करना है। ऐसा करने के लिए हमें उपमहाद्वीप के प्रत्येक जिले में एक खेल विद्यालय बनाना होगा, जहां कच्ची प्रतिभाओं की खोज की जाएगी और फिर उन्हें देश भर के राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों में प्रशिक्षित किया जाएगा। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि वे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हों और इन युवाओं को हर तरह का सहयोग मिले। जम्मू और कश्मीर पहले से ही सभी भारतीय राज्यों में से एक सबसे बेहतरीन कोच अपस्किलिंग कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। मैंने सभी राज्यों से जम्मू और कश्मीर द्वारा बनाए गए कोचिंग मॉडल का अनुसरण करने के लिए कहा है।"
उन्होंने कहा, "भारत सरकार की जिम्मेदारी है कि वह पूरे देश में खेलों का विकास करे और नरेंद्र मोदी की सरकार जम्मू-कश्मीर में खेलों के स्तर को ऊपर उठाने में मदद करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। हम जम्मू-कश्मीर के युवाओं को खेलों में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए सर्वोत्तम अवसर और बुनियादी ढाँचा देने के लिए गुलमर्ग में शीतकालीन खेलों के लिए एक खेल केंद्र बनाने की योजना बना रहे हैं।"
डॉ. मंडाविया ने कहा कि उन्होंने 2036 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेजबानी के लिए उचित रोडमैप तैयार करने हेतु 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के खेल मंत्रियों और राष्ट्रीय खेल महासंघों के वरिष्ठ सदस्यों से मुलाकात की।
उन्होंने कहा, "यह ध्यान में रखते हुए कि हम 2036 ओलंपिक खेलों की मेज़बानी करना चाहते हैं, हमें एक मज़बूत खेल बुनियादी ढाँचा और एक गुणवत्तापूर्ण खेल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना होगा। इसके लिए हमें एक उचित रोडमैप बनाना होगा। कई बार हम लक्ष्य निर्धारित करते हैं लेकिन उस तक पहुँचने के लिए ज़रूरी मार्ग नहीं मिल पाता। इसके लिए हमने पिछले हफ़्ते हैदराबाद में खेल मंत्रियों, राष्ट्रीय खेल महासंघों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों, जाने-माने एथलीटों और खेल विशेषज्ञों के साथ तीन दिवसीय विचार-मंथन सत्र आयोजित किया। हमने सभी हितधारकों से प्राप्त इनपुट के आधार पर अगले 10 वर्षों के लिए एक रोडमैप बनाया है।"