प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण को मूर्त रूप देते हुए
पर्वतारोहण संस्थान युवाओं में आत्मनिर्भरता, लचीलापन और निडर भावना को बढ़ावा देने के लिए योजना आरम्भ की गई: संजय सेठ।
संजय सेठ ने टीम की क्षमताओं पर भरोसा जताया और अभियान के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "दोनों पर्वतों पर सफलतापूर्वक चढ़ाई करके, टीमें एक नया मानदंड स्थापित करेंगी और देश और दुनिया भर के युवा पर्वतारोहियों को प्रेरित करेंगी।"
रक्षा राज्य मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि पर्वतारोहण संस्थान युवाओं को प्रशिक्षित करने और उन्हें प्रेरित करने में सबसे आगे रहे हैं, जो वास्तव में प्रधानमंत्री मोदी के युवा मन में आत्मनिर्भरता, लचीलापन और निडर भावना को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण को मूर्त रूप देते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि अभियान न केवल टीम के धीरज, कौशल और टीम वर्क का परीक्षण करेंगे बल्कि युवा साहसी लोगों के लिए प्रेरणा का काम भी करेंगे।
माउंट एवरेस्ट पर अभियान
टीम में एनआईएम, एचएमआई और जेआईएमएंडडब्लूएस के सात बेहद कुशल पर्वतारोही शामिल हैं, जिनमें से सभी को उच्च ऊंचाई वाले पर्वतारोहण और चरम स्थितियों में व्यापक अनुभव है। अभियान का नेतृत्व एनआईएम के प्रिंसिपल कर्नल अंशुमान भदौरिया करेंगे। टीम 02 अप्रैल, 2025 को नेपाल में पारंपरिक साउथ कोल रूट का अनुसरण करते हुए अपनी यात्रा शुरू करेगी, जो उनके पहले के दिग्गज पर्वतारोहियों द्वारा लिया गया मार्ग है। उनकी यात्रा में खतरनाक खुंबू घाटी के माध्यम से चढ़ाई, अत्यधिक ऊंचाई वाले शिविरों में अनुकूलन और मई 2025 में शिखर पर चढ़ने के लिए व्यापक तैयारी शामिल होगी। इस अभियान का उद्देश्य प्रशिक्षकों को एवरेस्ट का अमूल्य प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करना है, जिससे वे भारतीय पर्वतारोहियों की भावी पीढ़ियों को प्रशिक्षित और प्रेरित कर सकें।
माउंट कुंगचनजंगा अभियान
यह अभियान 07 अप्रैल, 2025 को शुरू होने वाला एक ऐतिहासिक सफर है, क्योंकि कंचनजंगा भारत की सबसे ऊंची और एकमात्र 8,000 मीटर ऊंची चोटी है, जो इसे दुनिया की सबसे चुनौतीपूर्ण चोटियों में से एक बनाती है। इस अभियान का नेतृत्व अरुणाचल प्रदेश के दिरांग स्थित NIMAS के निदेशक कर्नल रणवीर सिंह जामवाल कर रहे हैं। टीम में पाँच बेहद कुशल पर्वतारोही और तीन सहायक कर्मचारी शामिल हैं। NIMAS पहले ही भारत के 27 राज्यों की सबसे ऊंची चोटियों पर सफलतापूर्वक चढ़ चुका है। अब, माउंट कंचनजंगा के शिखर पर चढ़ने के साथ ही सभी 28 राज्य कवर हो जाएंगे।
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