हाइपरलूप परियोजना के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स प्रौद्योगिकी आईसीएफ चेन्नई में विकसित की जाएगी

केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि हाइपरलूप परियोजना के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स घटक प्रौद्योगिकी चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में विकसित की जाएगी। उन्होंने IIT मद्रास डिस्कवरी कैंपस में हाइपरलूप परीक्षण सुविधा का दौरा किया तथा इसका लाइव प्रदर्शन भी देखा। 
मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आईआईटी चेन्नई में स्थित 410 मीटर लंबी हाइपरलूप टेस्ट ट्यूब एशिया की सबसे लंबी हाइपरलूप परीक्षण सुविधा है।
पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि हाइपरलूप परिवहन के लिए संपूर्ण परीक्षण प्रणाली स्वदेशी प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके विकसित की गई है और उन्होंने इस उपलब्धि के लिए सभी युवा नवप्रवर्तकों को बधाई दी।
मंत्री महोदय ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत शीघ्र ही हाइपरलूप परिवहन के लिए तैयार हो जाएगा, क्योंकि हाइपरलूप परिवहन प्रौद्योगिकी, जो वर्तमान में विकासाधीन है, ने अब तक किए गए परीक्षणों में अच्छे परिणाम दिए हैं।
रेल मंत्रालय को हाइपरलूप परियोजना के लिए वित्तीय निधि और तकनीकी सहायता प्रदान की गई है, और अब, इस हाइपरलूप परियोजना के लिए सभी इलेक्ट्रॉनिक्स प्रौद्योगिकी आईसीएफ चेन्नई में विकसित की जाएगी। मंत्री ने कहा कि आईसीएफ कारखाने के उच्च कुशल विशेषज्ञों ने वंदे भारत हाई-स्पीड ट्रेनों के लिए बड़े इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम को सफलतापूर्वक विकसित किया है, और इस हाइपरलूप परियोजना के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स प्रौद्योगिकी भी आईसीएफ में विकसित की जाएगी।
मंत्री ने इस सफल परीक्षण के लिए आईआईटी चेन्नई की युवा नवप्रवर्तक टीम और आविष्कार संगठन को बधाई दी।
बाद में, मंत्री ने गुइंडी में आईआईटी चेन्नई परिसर का दौरा किया, जहाँ उन्होंने आईआईटी के सेंटर फॉर इनोवेशन द्वारा आयोजित ओपन हाउस 2025 नामक प्रदर्शनी का निरीक्षण किया। उन्होंने छात्रों और युवा नवप्रवर्तकों से बातचीत की। बातचीत के दौरान, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सभी क्षेत्रों में अग्रणी देश बनेगा।
मंत्री महोदय ने कहा कि युवा डेटा विज्ञान, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में कुशलतापूर्वक कार्य कर रहे हैं और भारत में दुनिया में सबसे अधिक कुशल युवा हैं, जो भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने यह भी घोषणा की कि वर्तमान में देश में पाँच सेमीकंडक्टर सुविधाएँ चालू हैं और इस वर्ष के अंत तक पहला भारत निर्मित सेमीकंडक्टर शुरू हो जाएगा।
मंत्री महोदय ने प्रदर्शनी के दौरान आयोजित नवाचार प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार और शील्ड प्रदान की तथा उन्हें और अधिक नए आविष्कार करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर आईआईटी चेन्नई के निदेशक डॉ. कामकोटि भी मौजूद थे।

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